पोर्न मूवीज की असलियत

पोर्न मूवीज की असलियत

पोर्न मूवीज की असलियत

क्या आपको कुछ ऐसे रहस्य पता हैं जो किसीका जीवन बर्बाद या तो आबाद कर सकता हैं?
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                 Image credit by-Shutterstock
आज मैं आपको युवा पीढ़ी के लिए सबसे अधिक उपयोगी टॉपिक "पोर्न मूवीज की असलियत" के बारे में बताऊंगा और यह भी बताऊंगा पोर्न इंडस्ट्री का मकसद क्या है, यह लोग युवाओं को भ्रमित करने के लिए कैसे काम करते है?

तो उत्त्तर शुरू करते है।

वास्तव में कोई भी सेक्स मे रुचि रखने वाला लड़का अपने मन मे लड़कियो के प्रति गलत सोचता है, लेकिन उसका यह विचार इतना मजबूत नही बन पाता, क्यों कि उसके आस पास के समाज मे उसे लड़कियो में वो इमेज नही दिखाई देती जो वो ढूंढ रहा है, जैसे उसने अपने मन मे बना रखी है,जिस से कि उसकी मान्यता को बल मिले, ।उसके आस पास की लड़कियां सभ्य है, अपनी पढ़ाई में ध्यान देती है, लड़को से थोड़ा दूर रहती है,गलत गंदी सोच वालो को पसंद नही करती। उससे ऐसे व्यक्ति के मन मे विरोधाभास रहता है कि क्या वो सही सोच रहा है या गलत।इसके कारण वो काफी हद तक खुद को रोक के रखता है,लेकिन सेक्स एडिक्ट्स की आंतरिक जद्दो जहद का हल पोर्न इंडस्ट्री निकालती है, वो वहाँ की मूवीज में लड़कियो को सेक्स में आंनदित होता हुआ दिखाते है , सेक्स की मांग करते दिखाते है(जबकि कई गलत मूवीज की heroines ने बहुत बार यह खुलासा किया है कि यह सब करना उनके लिए बहुत दर्दनाक होता है,उन्हें कई प्रकार की दवाइयां और नशे लेकर ऐसे काम करना पड़ता है, उनको उन मूवीज में ऐसे एक्सप्रेशंस देने के लिए ज्यादा पैसे मिलते है जिस से कि देखने वाले को ऐसा लगे कि सेक्स से बढ़कर कुछ नही और लड़कियां दिन रात सेक्स में ही डूबा रहना चाहती है और लड़कों को केवल उनके शरीर के लिए प्यार करती है, वो ऐसा दिखाने का प्रयास करते है कि लड़कियो की असलियत ऐसी ही होती है, अगर सिर्फ उनका मकसद यही होता सेक्स एजुकेशन देना तो उनको लाखों करोड़ो वीडियो बनाने की जरूरत नही थी, उनका मकसद कुछ और है , वो आपकी वासना की आग में पेट्रोल डालने का काम करते है, वो आपके वहम के ढांचे में सीमेंट भरने का काम करते है(जिसे तोड़ने में बाद में सालों लग सकते है, जितना ज्यादा मूवीज आप देखते रहेंगे उतनी बड़ी यह वहम की बिल्डिंग तयार हो जाएगी)।असल मे उनकी इंडस्ट्री में लड़कियो की बहुत ज्यादा वैरायटी होती है।वो वहा अलग अलग धर्म की, अलग अलग रूप रंग की, अलग अलग देश की, अलग अलग प्रजाति की, अलग अलग उम्र की लड़कियो को इस्तेमाल कर एक सेक्स एडिक्ट के मन मे गहरा विश्वास बिठाने में सफल हो जाते है कि लड़कियां किसी भी धर्म की हो, किसी भी देश की हो, किसी भी उम्र की हो, किसी भी रंग की हो, वास्तव में बाहर से जैसी शरीफ और घरेलू दिखती है, अंदर से वैसी नही होती, और हर एडिक्ट के मन मे यह भावना बैठ जाती है (इसलिए addict लोग अलग अलग तरह से, अलग अलग लड़कियो के सेक्स को देखते है, उनका मन नही भरता, उनका एक वीडियो देखकर कर मन नही भरता),जहाँ उसके मन मे पहले विरोधाभास था , अब वह यह बात पक्का मान लेता है कि लड़कियां वास्तव के ऐसी ही होती है। यही उसका दृष्टिकोण बन जाता है, उसे हर औरत वैश्या ही नज़र आती है।यही दृष्टिकोण उस व्यक्ति से इतना बड़ा क्राइम करवा देता है कि उसे जिंदगी भर की सज़ा मिलती है।यह है वो कारण जिससे कि हमारा समाज मे रेप, मर्डर, घरेलू हिंसा, मार पीट, eve teasing, सुसाइड, bois locker room जैसी घटनाओं को बहुत बढ़ावा मिलता है(और हमारे परिजन सोचते है कि उनके पालन पोषण में कहा गलती रह गयी, गलती यहां हो रही है)।अगर ऐसी घटनाओं को अंजाम न भी दे, वो masturbation और night फॉल जैसी problems से ग्रस्त होकर बर्बाद हो जाता है, इसलिए मैं तो यही कहूंगा कि पोर्न मूवीज देखना अभी छोड़ दीजिए।नही तो आपको अपने जीवन मे बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी।और इसकी कीमत आपका जीवन ही है।
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पोर्न एडिक्शन एक ऐसी संकरी गली है, जिसमे कोई व्यक्ति अपने दिमाग रूपी गाड़ी लेकर घुसता है तो पहले ही उसकी गाड़ी का बैक गियर खराब कर दिया जाता है, इस गली में घुसने, आगे बढ़ने का रास्ता तो है लेकिन जब इंसान को एहसास होता है कि गलत जगह आ गया है तो वो backgear खराब होने के कारण गाड़ी को बैक करके निकलने में असमर्थ रहता है(ब्रेन खराब हो जाता है)।आप माने या न माने पोर्न मूवीज मानसिक रोगी पैदा करने की फैक्ट्री है, जिसकी दुनिया मे दाखिल होने पर एक देवता जैसा इंसान भी हैवान बनकर बाहर निकलता है।अगर सच मे समाज, देश , दुनिया मे रेप , घरेलू हिंसा, eve teasing जैसी घटनाओं को कम करना है तो पहले यह हैवान बनाने की फैक्ट्री (पोर्न इंडस्ट्री )बंद करनी पड़ेगी।पोर्न इंडस्ट्री और पोर्न एडिक्ट का वास्तिविकता से कोई लेना देना नही है, आप जितना ज्यादा इसमे घुसते जाएंगे, उतना ही आप वास्तविक संसार से दूर होते जाएंगे।बाकी मैं तो यही कहूंगा कि अगर आप को अपने जीवन से, अपने आप से, अपने परिवार से प्यार है तो इस लत को जितना जल्दी हो सके छोड़ दीजिए।

अंत मे मैं आपको यही कहना चाहूंगा कि इसे ज्यादा से ज्यादा शेयर कीजिए, क्योंकि यह पोर्नोग्राफी आपके भाई, आपके बेटे,आपके पिता ,आपके पति , और अब तो आपकी बहनों को और आपकी बेटियो को भी (गर्ल्स लॉकर रूम)आपसे छीन ले जा रही है, आपको पता भी नही लगेगा कि आपके आस पास रह रहा इंसान कब हैवान बन गया।अभी समय है जाग जाइए, नही तो बहुत देर हो जाएगी।अभी भी नही उठे तो बस फिर रेप होने पर मोमबत्तियां जगाने, और सरकार पर प्रश्न पूछने (boys locker room)तक सीमित रह जाएंगे, और हमारी युवा पीढ़ी हमारे हाथ से निकल जाएगी।

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